लखनऊ  
लखनऊ में अजीत सिंह शूटआउट की फुल प्रूफ साजिश व्हाटसएप कालिंग और चैट से रची गई। आजमगढ़ से छह जनवरी को शूटरों के रवाना होते ही साजिशकर्ता माफिया व मददगार सब एक दूसरे के सम्पर्क में रहे। यह सब व्हाटएसएप कॉल कर एक-एक चीज साझा कर रहे थे। रात में अजीत को गोलियों से छलनी करने के बाद नये मोबाइल और सिम का इस्तेमाल कर फिर व्हाटसएप और चैट से सब जुड़े रहे। लखनऊ के एक डॉक्टर से इलाज कराने के बाद शूटर को सुलतानपुर में सुमन अस्पताल में भर्ती कराने के बीच भी इस एप का खूब इस्तेमाल हुआ। इयही वजह रही कि पुलिस और एसटीएफ की सर्विलांस छह जनवरी को इनके चक्रव्यूह को भेद नहीं सकी। 

सीसी फुटेज मिलने के बाद भी पुलिस को कुछ सुराग मिलना शुरू हुए थे। बाइक से लाल डस्टर गाड़ी बरामद होने तक पुलिस को शूटरों का कुछ पता नहीं चल रहा था। फुटेज से ही पुलिस को पता चला था कि एक शूटर घायल हुआ है। यह खुलासा हुआ जब पुलिस को रेहान मिला और सुलतानपुर के सुमन अस्पताल से कई जानकारियां हाथ लगी। इसके बाद जब कड़ी से कड़ी मिलायी गई तो चौंकाने वाले निम्न जानकारियां सामने आयी। 
 

Source : Agency